मैंने जो बात कही थी कभी बरसों पहले
चाहता हूँ कि मेरा दिल वही फिर से कह ले
डूबना है तो ये दरया ये समंदर क्या है
हाँ ज़रूरी है मिले खुद से इजाज़त पहले
वक़्त के खेल तमाशों को जानिए साहब
ताकि सहने न पड़ें नहलों पे झूठे दहले
ये जो चेहरे पे लिए चेहरा चले आते हैं
तू तो इंसान है 'शतदल' इन्हें हंस कर सह ले
०००
चाहता हूँ कि मेरा दिल वही फिर से कह ले
डूबना है तो ये दरया ये समंदर क्या है
हाँ ज़रूरी है मिले खुद से इजाज़त पहले
वक़्त के खेल तमाशों को जानिए साहब
ताकि सहने न पड़ें नहलों पे झूठे दहले
ये जो चेहरे पे लिए चेहरा चले आते हैं
तू तो इंसान है 'शतदल' इन्हें हंस कर सह ले
०००
jeevan ka sach sacchai se ujagar kiya hai............
जवाब देंहटाएंkadwa hai par bilkul sahee hai!
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