यानी सपनों के साथ रहता है/
कोई सपना उसे मिला होगा
जिसने कानों में कुछ कहा होगा
उसके होठों को फिर छुआ होगा
वो भी सपने के संग बहा होगा
वो फसानों के साथ रहता है /
लाख़ सपने उसे बुलाते हैं
गोद में रात दिन सुलाते हैं
और जिसमे वो झूलना चाहे
बस उसी में उसे झुलाते हैं
वो ख़ज़ानों के साथ रहता है /
फूल समझेंगे उसकी ख़ामोशी
ख़ामुशी में है उसकी बाहोशी
जा के ठहरेगा किस ख़ज़ाने में
उसका इक लफ़्ज़ है जो मयनोशी
आसमानों के साथ रहता है /
वक़्त गर मिल सका तो पूछेंगे
कौन कितनों के साथ रहता है?
०००